PMAY-G : हम सभी का सपना होता है कि हमारे पास एक अपना पक्का और सुरक्षित घर हो, जहां हम अपने परिवार के साथ सुकून और सम्मान के साथ ज़िंदगी बिता सकें। इसी सपने को साकार करने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) की शुरुआत की है। खास तौर पर उत्तर प्रदेश जैसे बड़े और जनसंख्या वाले राज्य में, इस योजना ने लाखों गरीब और बेघर परिवारों के जीवन में उम्मीद की एक नई किरण जलाई है।
PMAY-G हर साल जारी होती है लाभार्थियों की सूची – ऐसे करें चेक
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत जो भी योग्य नागरिक आवेदन करते हैं, उनकी पात्रता की जांच के बाद हर साल एक सूची जारी की जाती है। इस सूची को “आवास सूची” कहा जाता है, जिसमें उन सभी लाभार्थियों के नाम शामिल होते हैं, जिन्हें इस योजना के तहत सरकारी सहायता से पक्का मकान मिलेगा। अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और जानना चाहते हैं कि आपका नाम इस लिस्ट में है या नहीं, तो इसे चेक करना अब बेहद आसान हो गया है।
सबसे पहले आपको PMAY-G की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। जैसे ही आप होमपेज पर पहुंचते हैं, वहां आपको ऊपर मेनू में “Awaassoft” का विकल्प दिखाई देगा। इस पर क्लिक करते ही एक ड्रॉपडाउन मेनू खुलेगा जिसमें आपको “Reports” वाले बटन पर क्लिक करना है।
इसके बाद आप एक नए पेज पर पहुंचेंगे जो “rhreporting” पोर्टल का हिस्सा होता है। यहां नीचे स्क्रॉल करने पर “H सेक्शन” में जाएं और “Beneficiary Details for Verification” वाले विकल्प पर क्लिक करें। अब आपके सामने एक फॉर्म खुलेगा, जिसमें आपको अपना राज्य (उत्तर प्रदेश), जिला, ब्लॉक और कैप्चा कोड भरना होगा। जैसे ही आप सबमिट करेंगे, आपके सामने लाभार्थियों की पूरी सूची आ जाएगी जिसमें आप अपना नाम देख सकते हैं।
कौन होते हैं इस योजना के पात्र – जानिए अपने अधिकार
उत्तर प्रदेश में इस योजना का लाभ उन्हीं लोगों को मिलता है जिनका नाम 2011 की सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) में शामिल है। इसमें प्राथमिकता विधवाओं, वृद्धजनों, विकलांग व्यक्तियों, अनुसूचित जाति और जनजाति समुदायों, और भूमिहीन परिवारों को दी जाती है। सरकार का उद्देश्य यही है कि सबसे ज़रूरतमंद और कमजोर वर्ग को सबसे पहले सहायता मिले।
मिलती है आर्थिक मदद और रोज़गार – आत्मनिर्भर बनाता है ये योजना
इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लाभार्थियों को पक्का घर बनाने के लिए मैदानी इलाकों में ₹1,20,000 और पर्वतीय या दुर्गम इलाकों में ₹1,30,000 की सीधी वित्तीय सहायता दी जाती है। मकान निर्माण के दौरान मनरेगा (MGNREGA) के तहत श्रम दिवस भी दिए जाते हैं जिससे लाभार्थियों को अतिरिक्त रोज़गार और आमदनी मिल सके।
इसके अलावा शौचालय, पेयजल, बिजली और गैस जैसी जरूरी बुनियादी सुविधाएं भी इस योजना के अंतर्गत अन्य सरकारी योजनाओं के सहयोग से उपलब्ध कराई जाती हैं, जैसे प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और जल जीवन मिशन।
गुणवत्ता और निगरानी में भी नहीं होती कोई चूक
सरकार ने आवास निर्माण की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए विशेष निगरानी प्रणाली जैसे AwaasSoft और AwaasApp का उपयोग किया है। साथ ही ग्रामीण मिस्त्रियों को प्रशिक्षण देकर मकानों की मजबूती और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य और केंद्र दोनों स्तर पर हर मकान की प्रगति पर नजर रखी जाती है, ताकि कोई भी लाभार्थी योजना से वंचित न रह जाए।
Disclaimer
यह लेख जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है और इसमें दी गई सभी जानकारियाँ आधिकारिक वेबसाइट व सरकारी स्रोतों पर आधारित हैं। कृपया योजना से जुड़ी किसी भी अंतिम निर्णय या फॉर्म भरने से पहले https://pmayg.nic.in पर जाकर जानकारी की पुष्टि अवश्य करें।
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